सीएम अशाेक गहलोत ने कहा कि जिला कलेक्टर सुनिश्चित करें कि लॉकडाउन के दौरान किसी जरूरतमंद को परेशानी का सामना न करना पड़े और कोई भूखा नहीं सोए। खाद्य सामग्री सहित अन्य वस्तुओं की सप्लाई चेन नहीं टूटे। सरकार की एडवाइजरी की शत-प्रतिशत पालना सुनिश्चित हो। साथ ही कॉलेज, हॉस्टल, हॉस्पिटल तथा होटलों को आइसोलेशन के रूप में चिन्हित करने के भी निर्देश दिए।
गहलोत रविवार को कोरोना वायरस केे संक्रमण से बचाव के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की पालना के लिए जिला कलेक्टरों एवं पुलिस अधीक्षकों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए समीक्षा कर रहे थे। पूर्व में प्रदेशभर में लागू की धारा 144 कोे अब 20 की बजाय 5 लोगों तक ही सीमित करने के निर्देश दिए। सरकार ने डॉक्टर्स एवं पैरामेडिकल स्टाफ को प्रोत्साहन को 25 करोड़ का फंड बनाया है। सीएम ने इस चुनौती का सामना करने को कलेक्टरों को अनटाइड फंड उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए। जयपुर को 30 लाख रुपए अन्य संभागीय मुख्यालयों को 20-20 लाख तथा अन्य सभी जिलों को 10-10 लाख रु. का फंड उपलब्ध कराया जाएगा।
गहलाेत ने कहा कि जिला कलक्टर सेना, पैरामिलिट्री फोर्स, होमगार्ड तथा सिविल डिफेंस से भी आवश्यकता होने पर सहयोग लें। मुख्य सचिव डीबी गुप्ता ने कहा कि जिला कलेक्टर सरकार के निर्णयों को प्रभावी रूप से लागू करें और निरंतर स्थिति की समीक्षा करें।
केंद्र ने की हमारे फैसलों की सराहना, दूसरे राज्यों को अपनाने की सलाह
गहलोत ने कहा कि सरकार ने इस चुनौती से निपटने के लिए लॉकडाउन, सामाजिक एवं खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के जो निर्णय लिए हैं, उनकी केंद्र अाैर अन्य राज्यों की सरकारों ने सराहना की है। केंद्र के कैबिनेट सचिव ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों के साथ हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में राजस्थान के निर्णयों को अपनाने की सलाह दी है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लिखा प्रधानमंत्री को पत्र
सीएम गहलोत ने होटल एवं अन्य एमएसएमई इकाइयों को राहत देने तथा समाज के कमजोर वर्गों को खाद्य एवं सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए पीएम मोदी से अनुरोध किया है। इस संबंध में पीएम को लिखे पत्र में गहलोत ने कहा कि प्रदेश के 23 लाख श्रमिकों तथा शहरी क्षेत्रों के करीब एक लाख स्ट्रीट वेंडर्स के लिए केन्द्र राहत पैकेज की घोषणा करे।
सीएम ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को लिखा पत्र, सीजीएसटी में छूट देने की मांग की
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोरोना वायरस के कारण संकट के दौर से गुजर रहे पर्यटन उद्योग एवं होटल व्यवसाय को राहत देने के लिए होटल एवं रेस्टोरेंट बार लाइसेंस फीस में कमी करते हुए इसके पुनर्निर्धारण के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। साथ ही उन्होंने इन उद्योगों के लिए आगामी वित्त वर्ष की पहली तिमाही में एसजीएसटी की प्रतिपूर्ति करने की भी स्वीकृति दी है। मुख्यमंत्री गहलोत ने पर्यटन उद्योग पर आए संकट को दूर करने के लिए केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र भी लिखा है। सीतारमण से सीजीएसटी में छूट अथवा स्थगन, होटलों के बैंक लोन की किश्त का पुनर्निर्धारण करने और इनकम टैक्स भुगतान को कुछ माह आगे बढ़ाने अथवा छूट देने का आग्रह किया है।